इसे कविता के तौर पर नहीं एक सार्वजनिक सूचना के तौर पर पढें.. जी हाँ आपके खून के ना खौलने का कारण शायद यही हो
दूध में मिलावट,घी में मिलावट,मसालों में मिलावट के बाद अब खून में मिलावट ...ऐसा नहीं है की खून में मिलावट बिलकुल नयी बात है...तकरीबन दस-बारह साल पहले जब मैं पटना में था तब मेरे एक जान -पहचान वाले को खून की जरूरत हुई थी अचानक रात में.अपने एक डॉक्टर रिश्तेदार को जब मैंने फ़ोन किया तो उन्होंने कहा की खून का इंतजाम खुद करो.. ब्लड बैंक के खून में खून कम पानी ज्यादा होता है...खून का इंतजाम किया गया ..लेकिन खून की जरूरत पड़ने पर खून देने वाले हमेशा और समय पर मिल ही जाए जरूरी नहीं ..ऐसे में ब्लड बैंक पर ही निर्भर रहना पड़ेगा..आज खबर आयी है की इस ब्लड बैंक के खून में मिलावट का घिनौना खेल खेला जा रहा है..खेल तो पहले से ही खेला जा रहा था अब खबर आयी है..
ये दौर ही शायद मिलावट का दौर है..आदमी ही खालिस नहीं है..आदमी की आदमियत में हिंसक लोभ नमक कि तरह घुल गया है ..शुद्ध तो कुछ भी नहीं होता ..बिलकुल खालिस सोने के तो जेवर भी नहीं बनते..लेकिन अब मिलावट ही दस्तूर बन गया है..सच कहे तो अब एक ही चीज ऐसी है जिसमे मिलावट नहीं है..आदमी के भीतर पैसे कमाने की चाहत ...और इस चाहत के लिए किसी भी चीज में मिलावट की जा सकती है..,,खून में पानी की ही नहीं..आदमी की इंसानियत में हैवानियत की भी मिलावट ..
हिंदुस्तान में इतना कुछ गलत होता रहता है, वाकई जंगल राज ही है यहाँ... फिर भी सारे भारतवासी यह मानते हैं कि सबसे सच्चे और अच्छे लोग यहीं के हैं.
ReplyDeleteश्री गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभ कामनाएं
ReplyDeleteहद हो गई!
ReplyDeleteअब खून में मिलावट!!!!!
ReplyDeleteस्तम्भित और निशब्द हूँ. क्या कहूँ?
दयनीय हालात के हम सब मूकदर्शक हैं...
ReplyDeleteजो है उससे बेहतर चाहिए
पूरी दुनिया को साफ करने के लिए मेहतर चाहिए
पर वह मेहतर मैं हो नहीं पाता ......
शायद इसी मानसिकता के कारण .....